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आरती श्री गैय्या मैंय्या की,आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की…॥
अख़िल विश्व प्रतिपालिनी माता,मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।रोग शोक संकट परित्राता,भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की…॥
आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की…॥
सेवक जो चाहे दुखदाई,सम पय सुधा पियावति माई ।शत्रु मित्र सबको दुखदायी,स्नेह स्वभाव विश्व जैय्या की ॥॥ आरती श्री गैय्या मैंय्या की…॥