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युग कितने हैं तथा आत्मा किस युग में कितनी बार जन्म लेती है ! (Yug Kitne Hote Hai tatha Aatma Kis Yug me Kitni Baar Janam leti Hai!)

युग कितने हैं तथा आत्मा किस युग में कितनी बार जन्म लेती है ! (Yug Kitne Hote Hai tatha Aatma Kis Yug me Kitni Baar Janam leti Hai!)

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सनातन धर्म और कालचक्र के अनुसार एक समय अवधि होती है जिसमें भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्य काल होते हैं। यह क्रमश:, “सतयुग”, “त्रेतायुग”, “द्वापरयुग” और “कलियुग” हैं, इन 4 धार्मिक युगों के चक्र को “चतुर्युग” कहते हैं।

महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलयुग इन सब को मिलाकर होते है कुल चार युग। जो ईश्वर के बारह हजार दिव्य वर्षों को मिलाकर बनते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि यह चारों युग एक जैसे ही होते है। युगों में सबसे पहले आता है सतयुग और आखिरी में बारी आता है कलयुग का। 

क्या आपको पता है कि हर युग में ईश्वर का जन्म जरूर होता है। यदि आप नही जानते तो आपके जानकारी के लिए बता दें कि मान्यताओं के अनुसार कलयुग हो या सतयुग या फिर द्वापरयुग ही क्यों न हो हर युग में किसी न किसी ईश्वर का जन्म अवश्य होता है।

मान्यता तो यही है लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कौन से युग में मनुष्य का जन्म कितनी बार होता है। कई लोगों को तो मालूम ही नहीं होगा कि एक युग में मनुष्य का जन्म कई बार होता है। यदि आप इन सभी चीजों के बारे में नहीं जानते तो कोई बात नहीं आपके लिए हमारा यह पोस्ट काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। आइये जानते है कि मनुष्य किस युग में कितनी बार जन्म लेता है। 

मनुष्य किस युग में कितनी बार जन्म लेता है :

सतयुग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें :

सतयुग में ही में प्रभु श्री राम जी ने लंकापति रावण का वध करने के लिए ही जन्म लिया है। कहा जाता है कि जब धरती पर रावण के पापों का घड़ा भर गया था तब सतयुग में श्री राम जी को ही रावण का वध करने के लिए जन्म लेना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, सतयुग में आत्माओं का वास हुआ करता था धरती पर। जैसा कि हम जानते है कि जब कोई जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी होना अनिवार्य है। ठीक ऐसे ही समय का अंत भी होना निश्चित है। कहा जाता है कि सतयुग में एक व्यक्ति एक वर्ष में लगभग एक लाख वर्ष तक जीवित रह सकते थे।

लेकिन अद्भुत बात तो यह है कि उस समय लोगों का कद लगभग 32 फीट ऊंचा हुआ करता था। ग्रंथों के जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि इस युग में लोगों को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था अर्थात कोई भी मनुष्य अपनी इच्छा से कितने भी दिनों तक जी सकता था। यह बात थोड़ी अजीब है पर सत्य है। 

त्रेतायुग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें :

हिंदू धर्म के अनुसार प्रभु श्री राम यानी की भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक थे और इस बात से सभी अवगत है। लेकिन, क्या आप जानते है कि भगवान श्री राम जी की मृत्यु कैसे हुई? शायद आप ये नहीं जानते होंगे या ये कह सकते है की आज तक यह एक ऐसा रहस्यमयी बात बनकर रह गया है जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा।

वैसे देखा जाए तो रामायण में हमने यह देखा है कि अंत में प्रभु श्री राम जी ने स्वयं ही सरयू नदी में जाकर जल समाधि ले ली थी। जी हां आप चाहें तो कई अलग अलग ग्रंथों में भी इसके बारे में पता कर सकते हैं। रामायण में आपने गौर किया होगा कि जब माता सीता के चरित्र पर सवाल उठाए जा रहे थे और माता सीता बार बार परीक्षा दे दे कर थक गई तो उन्होंने धरती में समाने का निर्णय लिया।

जी हां माता सीता धरती में समा गई जिसके पश्चात प्रभु श्री राम जी ने भी अपना सारा राजपाट सौंप कर सरयू नदी में जाकर समाधि ले लिया था। देखा जाए तो इन चारों युग में कहा जाता है कि एक ही प्रभु है जो हर युग में अमर रहे। जी हां क्या आप जानते है कि वो भगवान कौन है? यदि नहीं तो आपको बता दें कि प्रभु हनुमान जी ही एक ऐसे ईश्वर है जो हर युग में अमर है। त्रेतायुग में करीब 4,32,000 वर्ष होते है, इतने समय में एक साधारण मनुष्य 10 ,000 साल तक जीवित रह सकता है। 

द्वापरयुग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें :

सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार द्वापरयुग कुल 864000 वर्षों का होता है। ग्रंथों के अनुसार इस युग में प्रत्येक व्यक्ति एक हजार वर्ष तक जीवित रह सकते थे। कहा जाता है कि जैसे जैसे धरती पर लोगों का पाप का घड़ा बढ़ता जाएगा वैसे वैसे धरती पर लोगों की जीने की आयु भी घटती जाएगी।

प्रभु हनुमान जी के अनुसार द्वापर युग में लोग भक्ति की दिशा से भटक गए थे। वैसे द्वापरयुग में ही भगवान नारायण जी ने श्री कृष्ण का रूप धारण किया था तथा कंस के प्राण लिए थे। द्वापरयुग में प्रभु हनुमान जी ने पाण्डु पुत्र भीम को चारों युगों के बारे शिक्षा दी थी, तथा किस युग में क्या क्या हुआ था और होगा यह भी बताया था।

कलयुग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें :

क्या आप जानते है कि कलयुग में एक मनुष्य का जन्म कितनी बार होता है, यदि नहीं तो आपके जानकारी के लिए आपको बता दें कि कलयुग में एक मनुष्य का जन्म लगभग 45 बार होता है और मनुष्य की आयु 100 वर्ष तक की होती है। कहां जाता है कि कलयुग में मनुष्य पर्यावरण को नष्ट कर देते है और वे पाप का पात्र बन जाता है।

इसके अलावा शास्त्र अनुसार कलयुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेंगें। साथ ही ग्रंथों में यह भी लिखा गया है कि एक ब्राह्मण के घर भगवान श्री कृष्ण का जन्म होने वाला है। भगवान जी इस कलयुग में घोड़े पर सवार होकर सभी दुष्टों का विनाश करने वाले है।कलयुग में भगवान कल्कि धरती पर केवल तीन ही दिनों में सभी दुष्टों का सर्वनाश कर देंगे। माना जाता कि इस समय धरती पर काफी जोरदार वर्षा होगी। जिससे हर तरफ जल बहाव का ही मंजर नजर आने लगेगा। लेकिन कलयुग में एक साथ बारह सूर्य उदय होने पर सारा का सारा जल सुख भी जाएगा।

Frequently Asked Questions

1. प्रभु श्री राम ने किस युग में जन्म लिया था ?

प्रभु श्री राम ने त्रेता युग में जन्म लिया था।

2. भगवान श्री कृष्ण का जन्म किस युग में हुआ था ?

भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था।

3. कलयुग में भगवान विष्णु के अवतार का क्या नाम होगा ?

कलयुग में भगवान विष्णु के अवतार का कल्कि नाम होगा। 

4. द्वापर युग कितने वर्षों का था ?

द्वापर युग कुल 864000 वर्षों का था।