Sampoorna Sunderkand Doha 31 to 36 ॥ दोहा 31 ॥निमिष निमिष करुनानिधि जाहिं कलप सम बीति,बेगि चलिअ प्रभु आनिअ भुज बल खल दल जीति।॥ चौपाई ॥सुनि सीता दुख प्रभु सुख अयना।
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