Sign In

माता दंतेश्वरी का चमत्कारी और वरदानी मंदिर (Maata danteshwari Ka Chamatkari Aur Vardani mandir)

माता दंतेश्वरी का चमत्कारी और वरदानी मंदिर (Maata danteshwari Ka Chamatkari Aur Vardani mandir)

Reading Time: 3 minutes
Article Rating
4/5

“माता दंतेश्वरी मंदिर में स्थित चमत्कारी खंभे को छूने मात्र से ही माता रानी होती हैं प्रसन्न, शीघ्र होती है भक्तों की मान्यताएं पूरी”

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित एक शक्तिपीठ जो माँ दंतेश्वरी देवी को समर्पित है। माता दंतेश्वरी देवी मंदिर (danteshwari mandir) अपने आप में ही अनोखा और दिव्य शक्तियों से युक्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का नाम दंतेश्वरी मंदिर (danteshwari temple) इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसी स्थान पर माता सती यानी की देवी आदि शक्ति के दांत गिरे थें। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध मंदिर अत्यंत पवित्र, प्रसिद्ध तथा दिव्य है। आइये जानते है माँ दंतेश्वरी मंदिर से जुड़ें रहस्यों के बारे में :

माँ दंतेश्वरी मंदिर में स्थित रहस्यमयी खंभा :

माता दंतेश्वरी मंदिर अपने आप में कई रहस्यों को छुपाये हुए है। जिनमें से एक है इस मंदिर में स्थित रहस्यमयी खंभा। माता दंतेश्वरी मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक चमत्कारी खंभा अर्थात गरुड़ स्तंभ (Garudha Sthambha) उपस्थित है। जिसे आमतौर पर श्रद्धालु अपनी पीठ की और से अपनी बाँहों में भरने की कोशिश करते हैं।  पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो भी श्रद्धालु इस स्तंभ को अपने दोनों भुजाओं से छू लेता है उसकी सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं। यही कारण है की ज्यादा से ज्यादा भक्त इस मंदिर में माता दंतेश्वरी की पूजा करने के लिए आते है और गरुड़ स्तंभ को छूने की कोशिश करते है।

सनातन धर्म के नियमानुसार, बसंत पंचमी के दिव्य अवसर पर गरुड़ स्तंभ के पास ही ताम्बे से बना त्रिशूल भी स्थापित किया जाता है। ऐसा करने के उपरान्त ही फाल्गुन मेले की शुरुआत की जाती है। यह परंपरा पिछले 600 सालों से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि आंध्र प्रदेश के बांगल से राजा पुरुषोत्तम इस त्रिशूल को लेकर आये थे। इस त्रिशूल को साक्षात देवी आदि शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

माता दंतेश्वरी मंदिर का इतिहास :

माता दंतेश्वरी के इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था। दंतेवाड़ा स्थान का नाम भी देवी माँ दंतेश्वरी के नाम पर ही पड़ा है जो काकतीय राजवंश की कुलदेवी हैं। सनातन परंपरा और मान्यताओं के अनुसार माता दंतेश्वरी, बस्तर राज्य में स्थित आदिवासियों की कुलदेवी माँ है। माता दंतेश्वरी का यह मंदिर देवी आदिशक्ति के 108 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ पर भगवती सती के दांत गिरे थे। मंदिर के स्थान पर माता के दांत गिरने के कारण ही इस स्थान का नाम दंतेश्वरी पड़ा। माता आदिशक्ति के 108  शक्तिपीठों में माता दंतेश्वरी के इस मंदिर को 52 वां स्थान प्राप्त है।

कुछ जरूरी तथ्य :

भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित धनकिनी तथा शंखिनी नदियों के संगम पर स्थित है दंतेवाड़ा। माता दंतेश्वरी के मंदिर की ख्याति चारों ओर विद्यमान है जिसका कारण है मंदिर की समृद्ध वास्तुकला, मूर्तिकला तथा समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा। माता दंतेश्वरी का मंदिर सिर्फ दांतेवाड़ा के लोगो का ही नहीं बल्कि माता के श्रद्धालु भक्तों का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है। इस मंदिर में “नलयुग” से लेकर “छिन्दक नाग वंशीय” साम्रज्य काल की दर्जनों मूर्तियां उपस्थित है ।

माता दंतेश्वरी मंदिर के निकट के स्थानों को “तांत्रिकों की स्थली” कहा जाता है। इस मंदिर के पास स्थित नदी के किनारे अष्ट भैरव का स्थान माना जाता है, और यही कारण है कि इस स्थान को तांत्रिकों के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। 

मान्यतानुसार, इस मंदिर के आसपास थित पहाड़ी गुफाओं में आज भी बहुत सारे साधक तंत्र विद्या प्राप्ति के लिए साधनायें कर रहें है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर प्रारम्भ में नर बलि भी दी जाती थी। लेकिन, 1883 के बाद से यहां पर नरबलि प्रथा को समाप्त कर दी गयी ।

(NB : यहाँ दी गयी सभी तथ्य तथा सूचनाएं पौराणिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इन पर अमल करने से पहले किसी भी ज्ञानी संबंधित विशेषज्ञ से इसकी जानकारी अवश्य ले।)

Frequently Asked Questions

1. दंतेश्वरी मंदिर कहाँ स्थित है ?

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित एक शक्तिपीठ जो माँ दंतेश्वरी देवी को समर्पित है।

2. माता दंतेश्वरी मंदिर का नाम दंतेश्वरी क्यों पड़ा ?

यहाँ पर भगवती सती के दांत गिरे थे। मंदिर के स्थान पर माता के दांत गिरने के कारण ही इस स्थान का नाम दंतेश्वरी पड़ा।

3. माता दंतेश्वरी मंदिर में स्थित प्रसिद्ध खम्भे का नाम क्या है ?

माता दंतेश्वरी मंदिर में स्थित प्रसिद्ध खम्भे का नाम गरुड़ स्तंभ है।

4. काकतीय वंशजों की कुलदेवी मां कौन है ?

काकतीय वंशजों की कुलदेवी मां दंतेश्वरी देवी है।

5. माता दंतेश्वरी के मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

माता दंतेश्वरी के मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था।