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धरती गगन में होती है | Dharti Gagan Me Hoti Hai | Free PDF Download

धरती गगन में होती है | Dharti Gagan Me Hoti Hai | Free PDF Download

धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार हो मैया,
उँचे भवन में होती है, तेरी जय जयकार,

दुनिया तेरा नाम जपे, हो दुनिया तेरा नाम जपे,
तुझको पूजे संसार, धरती गगन में होती है,
तेरी जय जयकार हो मैया, उँचे भवन में होती है,
तेरी जय जयकार….

सरस्वती महा लक्ष्मी काली, तीनो की तू प्यारी,
गुफा के अंदर तेरा मंदिर, तेरी महिमा न्यारी,
शिव की जता से निकली गंगा, आई शरण तिहारी,
आदि शक्ति आद भवानी, तेरी शेर सवारी,
हे अंबे हे माँ जगदम्बे, करना तू इतना उपकार,
आए है तेरे चरणों में, देना हमको प्यार।
धरती गगन मे होती है………

ब्रम्हा विष्णु महेश भी तेरे, आगे शीश झुकाए,
सूरज चाँद सितारे तुझसे, उजियारा ले जाए,
देव लोक के देव भी मैया, तेरे ही गुण गाए,
मानव करे जो तेरी भक्ति, भव सागर तर जाए,
हे अंबे हे माँ जगदम्बे, करना तू इतना उपकार,
आए है तेरे चरणों में, देना हमको प्यार।
धरती गगन मे होती है……….

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