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दुनिया से मैं हारा | Duniya Se Me Hara | Free PDF Download

दुनिया से मैं हारा | Duniya Se Me Hara | Free PDF Download

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दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।

सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आयी,
दुःख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई ।
सारा दोष हैं मेरा, मैं करता हूं स्वीकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

मेरा तो क्या हैं, मैं तो पहले से हारा,
तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा ।
डूब गई क्यों नैय्या, तेरे रहते खेवनहार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

सबकुछ लुटा है, बस लाज बची हैं,
तुमपे ही बाबा मेरी आस बंधी हैं ।
सुना हैं तुम सुनते हो, हम जैसो की पुकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

जिसको बताया मैंने अपना फ़साना,
सबने बताया मुझे, तेरा ठिकाना ।
सब कुछ छोड़ के आया मैं तेरे द्वार॥
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

तेरे बिना मैं कान्हा जी ना सकूंगा,
तेरा हूँ अब से, मैं तो तेरा रहूंगा।
मैंने तुमको माना है मात पिता परिवार॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

जिस ने भी दिल को इस जग में लगाया,
दर्द मिला है बस घाव ही पाया
मेरे जीवन का है अब तुमसे इकरार॥

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार….

दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥