नवरात्रि में देवी के विभिन्न रूपों की अर्चना करके इच्छापूर्ति हेतु मंत्र प्रयोग किए जाते हैं। जो सर्वसाधारण के लिए थोड़े क्लिष्ट पड़ते हैं। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से इच्छापूर्ति की जाती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। ये है रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान :
(1) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-
‘कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।’
(2) भय व संशय निवृत्ति के लिए-
‘रामकथा सुन्दर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी।।’
(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
‘मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।’
‘दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।’
(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
‘बिस्व भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।’
(8) विद्या प्राप्ति के लिए-
‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।।’
(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।’
(10) शत्रु नाश के लिए-
‘बयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।’
आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी। नवरात्रि में एक दिन सुंदरकांड अवश्य करें।