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तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।
मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,केसर तिलक लगाया ।मोर मुकुट कानो में कुण्डल,इत्र खूब बरसाया ।महकता रहे यह दरबार सांवरे,तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,सुन्दर हार बनाया ।रहे सलामत हाथ सदा वो,जिसने तुझे सजाया ।सजाता रहे वो हर बार सांवरेतेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥
बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,कौन सा भजन सुनाऊँ ।ऐसा कोई राग बतादे,तू नाचे मैं गाऊं ।नचाता रहूँ मैं हर बार सांवरे l