Sign In

टोना और टोटका और उनके मध्य का अंतर |  Tona Totka ka Antar

टोना और टोटका और उनके मध्य का अंतर | Tona Totka ka Antar

Reading Time: 3 minutes
Article Rating
3.5/5
टोना-टोटका कहने से हर कोई दोनों का एक ही अर्थ समझता है, परन्तु ये दोनों ही अलग-अलग अर्थ वाले शब्द है ।


टोना और टोटका को लेकर लोगो की भूल धारणा को दूर करने के लिए ही आज हम आपके सामने कुछ जरुरी तथ्यों को रखेंगे। तो, आइये जानते है, आखिर क्या अंतर है इन् दो शब्दों के मध्य ? यूँ तो, टोना और टोटका के मध्य धरती और आसमान का अंतर है पर लोग इनके मध्य का अंतर तथा इनके सही अर्थो से अनभिज्ञ है। सही अर्थ नहीं जानने के वजह से लोग जाने-अनजाने में इन्हे एक ही समझ लेते है। पर आज हम आपके सामने लाएंगे टोना और टोटका के मध्य का अंतर, तो चलिए शुरू करते है:

नेकी और बदी का रूप यहाँ नेकी का अर्थ अच्छाई और बदी का अर्थ बुराई से है। जहाँ एक ओर टोना बदी का रूप है अर्थात किसी के प्रति बुरे उद्देश्य से किया गया कार्य से है वहीँ दूसरी तरफ टोटका नेकी का रूप अर्थात किसी के प्रति अच्छे उद्देश्य से किया गया कार्य है । टोना किसी चीज को पाने का गलत तरीका है तथा टोटका किसी चीज को पाने का सही तथा उचित मार्ग है। 

टोना और टोटका का प्रमुख लक्ष्य टोना का मुख्य लक्ष्य औरो का अहित करना और टोटका का मुख्य लक्ष्य औरो की भलाई करना है। जहाँ एक ओर टोना में पुरानी रीती रिवाज और आध्यात्मिकता का सहारा लेकर दुसरो को दुःख और पीड़ा पहुंचना है वही दूसरी ओर टोटका में उन्ही पुरानी रीती रिवाज और आध्यात्मिकता का सहारा लेकर दुसरो के दुःख और पीड़ा को दूर कर उन्हें सुख और समृद्धि की दिशा में ले जाना है, टोटका का उपयोग लोग खुद के लिए भी करते है पर इसमें इस बात का खाश ख्याल रखा जाता है की अपने भलाई से किसी और का नुक्सान न हो जाये पर इसके विपरीत टोना औरो को नुकशान पहुंचाने के लिए ही होता है।

 

टोना और टोटका की पूर्व निर्धारित विधियां जादू, टोना, टोटका, आदि का ज्ञान आप हमारे पुराने वेद और शास्त्र से प्राप्त कर सकते है, हमारे चौथे अथवा आखिरी वेद अथर्ववेद में जादू, टोना, टोटका, का पूरा उल्लेख किया गया है। अथर्ववेद में जादू, टोना, टोटका, करने की सही विधियां अथवा उचित सलाह दी गई है। जहाँ टोना लोग अपने दुश्मनो अथवा बिना किसी दुश्मनी के भी लोगो को परेशान देखने के लिए उपयोग में लाते है और टोटका उन्ही परेशानियों का निवारण हेतु उपयोग में लाया जाता है। अथर्ववेद में बताये गए सरलतम तथा कुछ कठिन विधियों द्वारा आप अपने परेशानियों का हल निकाल सकते है। परन्तु ध्यान रहे कुछ लोग तथा ज्योतिष ऐसे भी है जो अकारण सिर्फ अपने धंधे और धन प्राप्ति के लिए टोना का भय दिखाकर किसी और पर झूठे जादू टोना करते है जिसका कोई सिर-पाँव भी नहीं तथा कुछ को टोना का भय दिखाकर टोटका के उपाय बतलाकर भ्रम का जाल फैलाते है, और गलत मार्ग की ओर जाने के लिए उकसाते है । 


कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
                        

अगर आप भौगोलिक, जलवायु, पर्यावरण, पारिस्थिक तथा सामाजिक दृष्टिकोण से देखंगे तो आप यह पाएंगे कि अलग-अलग काल खंडो में होने पर भी इनकी दशा और दिशा में कोई असमानता नहीं है । उदाहरण स्वरूप अगर आप अफ्रीका के आदिवासी जनजाति के कबीलाई समाज को देखेंगे तो भाषा और संस्कृति के स्तर पर ये एशिया के बाकि देशो में अपनाये जाने वाले तरीको से काफी अलग है । आपको अलग-अलग संस्कृति तथा अलग-अलग भाषा में टोने और टोटके मिलेंगे।  कुछ टोने और टोटके आपको आसान भाषा तथा कुछ टोने और टोटके आपको जटिल भाषा में मिलेंगे।  अगर हम अपने वेद, पुराण, शास्त्र की बात करे तो उनसे हमे संस्कृत भाषा में ही इनके मंत्र तथा क्रियाविधि का ज्ञान प्राप्त होगा, जिसका रूपांतरण आज हम ज्योतिषों तथा आसपास के ज्ञानी लोगो से  हिंदी भाषा में भी पा सकते है।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इन टोने, टोटको का फल इसबात पर निर्भर नहीं करता कि वो किस भाषा में आजमाए गए बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी क्रियाविधि सही तरह से अपनाई गयी है भी या नहीं। 

 

सावधानियां:                     

सबसे जरुरी बात अब हम जो बताने जा रहे, वह यह है कि अगर आप टोटका आजमा रहे है और उसको सफलीभूत करने के समय आपसे कोई भूल-चूक हो भी जाये तो इससे आपको कोई भी हानि नहीं पहुंचेगी परन्तु अगर आप टोना करते समय भूल वश भी कोई गलती कर बैठे तो इसका अंजाम भी आपको ही भुगतना पड़ेगा। गलत क्रियाविधि अपनाने से टोना का पलटवार भी भुगतना पड़ता है और जो भी दुर्दशा आप अपने दुश्मन या सामने वाले की चाह रहे है वही आपको भी भुगतना पड़ सकता है, इसलिए बिना किसी योग्य सलाहकार और बिना सावधानी अपनायें टोना कभी न आजमाए और जितना हो सके इन सब से दूर रहे।