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Gudi Padwa 2022: जाने गुड़ी पड़वा से जुड़ी 10 ख़ास बातों के बारे में

Gudi Padwa 2022: जाने गुड़ी पड़वा से जुड़ी 10 ख़ास बातों के बारे में

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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस दिन ही गुड़ी पड़़वा का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा का त्योहार मराठी और कोंकणी हिंदुओं के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक है और पूरे महाराष्ट्र और पड़ोसी क्षेत्रों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाएगा। गुड़ी पड़वा के दिन कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि में उगादी (Ugadi) मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा के दिन, लोग जल्दी उठते हैं और अपने दरवाजे पर सजावटी गुड़ी झंडे और रूपांकनों को रखते हैं और पूजा करते हैं। 

गुड़ी पड़वा 2022 तारीख और समय

2 अप्रैल 2022, शनिवार

प्रतिपदा तिथि शुरू – 11:55 (1 अप्रैल 2022)
प्रतिपदा तिथि खत्म – 11:55 (2 अप्रैल 2022)

ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था और सतयुग की शुरुआत हुई थी। आईये जानते है गुड़ी पड़वा से जुड़ी ये 10 दिलचस्प बातें –

गुड़ी पड़वा से जुड़ी 10 खास बातें

  1. गुड़ी पड़वा को मराठी लोग नये साल की शुरुआत मानते हैं। इस दिन लोग नयी फसल की पूजा करते हैं।
  2. गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों की विशेष साफ-सफाई करने के बाद घरों में रंगोली बनाते हैं। आम के पत्तों से बंदनवार बनाकर सभी घरों के आगे लगाते हैं। महिलाएं घरों के बाहर सुदंर और आकर्षक गुड़ी लगाती हैं।
  3. गुड़ी पड़वा के मौके पर खासतौर पर पूरन पोली नामक पकवान बनता है। यानि मीठी रोटी, इसे गुड और नीम, नमक, इमली के साथ बनाया जाता है।
  4. ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर में लाने से बुरी आत्मा दूर रहती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
  5. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन रावण को हराने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे।
  6. विक्रम संवत हिंदू पंचांग के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था।
  7. वीर मराठा छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद पहली बार गुड़ी पड़वा को मनाया था। इसी के बाद हर साल मराठी लोग इस परंपरा का अनुसरण करते हैं।
  8. अधिकतर लोग इस दिन कड़वे नीम की पत्तियों को खाकर दिन की शुरूआत करते हैं। कहा जाता है कि गुड़ी पड़वा पर ऐसा करने से खून साफ होता है और शरीर मजबूत बनता है।
  9. इस दिन को विभिन्न राज्यों में उगादी, युगादी, छेती चांद आदि अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस दिन को मणिपुर में भी मनाया जाता है।
  10. इस दिन सोना, वाहन या मकान की खरीद या किसी काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।