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जन्म कुंडली में आयु योग : लम्बी आयु योग के उपाय (Janam Kundali Me Aayu Yog : Lambi Aayu Yog Ke Upay)

जन्म कुंडली में आयु योग : लम्बी आयु योग के उपाय (Janam Kundali Me Aayu Yog : Lambi Aayu Yog Ke Upay)

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ज्योतिष शास्त्र इंसान के हर प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम है लेकिन कुछ प्रश्न ऐसे भी होते है जिनका उत्तर तो ज्योतिष में है पर इंसान अपनी गलत विचारों और कार्यों के द्वारा उसे भी नष्ट कर देता है, जैसे की – कोई भी इंसान कितने दिनों तक जीवित रहेगा?  ईश्वर की कृपा से ज्योतिष इस सवाल का जवाब भी दे सकता है – तब भी यदि कोई खुद ही अपने प्राण त्याग दे तो, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। आज हम बात करेंगे – जन्म कुंडली में उपस्थित आयु योग (Aayu Yog) के बारे में और यदि आपके कुंडली में अल्पायु का दुर्योग उपस्थित है तो इसका भी उपाय ज्योतिष द्वारा संभव है। तो, आइये शुरू करते है और जान लेते है की आपकी जन्म कुंडली में लम्बी आयु का योग है या अल्पायु का दुर्योग :

जन्म कुंडली में आयु का योग या दुर्योग : (Janam Kundali Me Aayu Yog Ya Duryog)

किसी भी प्राणी के प्रारम्भ से लेकर अंत अर्थात जन्म से मृत्यु तक की अवधी “आयु” कहलाती है। इस आयु को हमारे ऋषि-मुनियों ने कई भागों में बांटा है, जैसे की – अरिष्ट आयु, अल्पायु, मध्यायु, दीर्घायु, परमायु इत्यादि। 

आयुर्वेद के अनुसार, प्रकृति ने प्रत्येक मनुष्य को 120 वर्ष की आयु प्रदान की है परन्तु आधुनिक युग के कारण मनुष्यों की औसत आयु घट गयी है।

जन्म कुंडली में लम्बी आयु का योग : (Janam Kundali Me Lambi Aayu Ka Yog)

  • यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति और चंद्रमा 12वें भाव में हो, तो व्यक्ति की आयु लम्बी होती है।
  • जन्म कुंडली के 11वें भाव में यदि चन्द्रमा और सूर्य एक साथ युति बनाए हुए हो, तो आयु औसत आयु से अधिक होती है।
  • जन्म कुंडली में अगर 10वें भाव में शनि उपस्थित है तथा दूसरे भाव में कोई भी स्त्री ग्रह हो या फिर 11वें भाव में सूर्य तथा राहु उपस्थित हो और शनि या तो अशुभ भाव में हो या उसपर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो और साथ में कोई भी पुरुष ग्रह हो तो व्यक्ति दीर्घायु अर्थात लम्बा जीवन जीने वाला होता है।

लाल किताब और आयु : (Lal Kitab Aur Aayu)

लाल किताब में आयु का निर्धारण चन्द्रमा के द्वारा किया जाता है। लाल किताब के अनुसार आयु का निर्धारण कुछ इस प्रकार है :

  • जन्म कुंडली में यदि चन्द्रमा का सम्बन्ध शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की आयु – 85 वर्ष हो सकती है ।
  • जन्म कुंडली में अगर चन्द्रमा का सम्बन्ध अगर किसी भी पुरुष ग्रह से हो जाये तो व्यक्ति की आयु – 96 वर्ष होती है।
  • जन्म कुंडली में अगर चन्द्रमा का सम्बन्ध यदि किसी भी पाप ग्रह से हो जाये तो व्यक्ति की आयु – 60 से 65 वर्ष की होती है।

यदि किसी के जन्म कुंडली में अल्पायु अर्थात कम जीवन जीने का दुर्योग बन रहा है तो ज्योतिष में इसके भी उपाय उपास्थि है। आइये जानते है, उन उपायों के बारे में जिनके द्वारा आप अल्पायु के दुर्योग से मुक्ति पा सकते है और एक लम्बी जीवन जी सकते है।

लम्बी जीवन या आयु के उपाय : (Lambi Jivan Ya Aayu Ke Upay)

  1. लम्बी आयु के लिए बृहस्पति : (Lambi Aayu Ke Liye Brihaspati)

ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति ग्रह को लम्बी आयु का कारक माना जाता है। जन्म कुंडली में बृहस्पति यदि शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति की आयु लम्बी होती है।  इसलिए, अगर आपके कुंडली में अल्पायु का दुर्योग बन रहा है तो आप बृहस्पति ग्रह को मजबूत करें। बृहस्पति को मजबूत करने के लिए आप इन उपायों को कर सकते है, जो इस प्रकार है :

  • प्रतिदिन माथे पर केसर, हल्दी, पीला चन्दन का तिलक लगाएं।
  • सात्विक आहार का सेवन करें ।
  • गुरुवार के दिन उपवास करें। संभव हो तो एकादशी और पूर्णिमा का व्रत करें।
  • गुरुवार को केले के पौधे पर जल चढ़ाएं।
  • झूट न बोलें और अपने से बड़ों का आदर और सेवा करें।

  1. लम्बी आयु के लिए ध्यान और योग : (Lambi Aayu Ke Liye Dhyan Aur Yog)

ज्योतिष के साथ-साथ ध्यान और योग भी बहुत ही महत्वपूर्ण होते है दीर्घायु पाने के लिए। यदि आप प्रत्येक दिन “ध्यान” करेंगे तो कुछ ही दिन में आपको अपने शरीर में एक ऊर्जा का आभास होगा और ध्यान व्यक्ति को आध्यात्म से भी जोड़ता है। ध्यान और योग करने से आत्मा का जुड़ाव परमात्मा से होता है।

  1. लम्बी आयु के लिए प्राणायाम : (Lambi Aayu Ke Liye Pranayam)

यदि किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में दीर्घायु योग है पर वो जरा भी अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे रहा तो वह किसी न किसी बीमारी से संक्रमित हो जाता है और  अंत में उसके प्राण निकल जाते है इसलिए प्राणायाम बहुत ही जरूरी है। प्रत्येक दिन 40 – 60 मिनट तक प्राणायाम करें। ऐसा करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी और आप रोगों से दूर रहेंगे।

  1. लम्बी आयु के लिए पौष्टिक आहार : (Lambi Aayu Ke Liye Paushtik Aahar)

लम्बे जीवन शैली के लिए व्यक्ति को सीमित तथा पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए और व्यक्ति को जितनी भूख हो उससे कम ही भोजन करना चाहिए। अपने खाने में ज्यादा तेल और मसालों का उपयोग नहीं करना चाहिए। भोजन ग्रहण करते समय ईश्वर को धन्यवाद जरूर करना चाहिए।

Frequently Asked Questions

1. लाल किताब के अनुसार आयु का कारक ग्रह कौन है?

लाल किताब के अनुसार आयु का कारक ग्रह चंद्रमा है।

2. जन्म कुंडली के 12वें भाव में बृहस्पति और चंद्रमा है तो आयु कितनी होगी?

जन्म कुंडली के 12वें भाव में बृहस्पति और चंद्रमा है तो आयु लम्बी होती है।

3. जन्म कुंडली के 11वें भाव में चन्द्रमा और सूर्य है तो आयु कितनी होगी?

जन्म कुंडली के 11वें भाव में चन्द्रमा और सूर्य है तो आयु औसत आयु से अधिक होती है।

4. जन्म कुंडली में चन्द्र और शुक्र का सम्बन्ध हो, तो आयु कितनी होगी?

जन्म कुंडली में चन्द्र और शुक्र का सम्बन्ध हो, तो आयु – 85 वर्ष हो सकती है ।

5. जन्म कुंडली में चन्द्रमा का सम्बन्ध अगर किसी भी पुरुष ग्रह से हो तो आयु कितनी होगी?

जन्म कुंडली में चन्द्रमा का सम्बन्ध अगर किसी भी पुरुष ग्रह से हो तो आयु – 96 वर्ष होती है।

6. जन्म कुंडली में चन्द्रमा का सम्बन्ध अगर किसी भी पाप ग्रह से हो तो आयु कितनी होगी?

जन्म कुंडली में चन्द्रमा का सम्बन्ध अगर किसी भी पाप ग्रह से हो तो आयु – 60  से 65 वर्ष की होती है।