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जन्म कुंडली के 8 शुभ योग जो बनाते हैं एक सफल उद्यमी (Janam Kundli Ke 8 Shubh Yog Jo Banate Hain Ek Safal Udyami)

जन्म कुंडली के 8 शुभ योग जो बनाते हैं एक सफल उद्यमी (Janam Kundli Ke 8 Shubh Yog Jo Banate Hain Ek Safal Udyami)

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आज के दौर में हर कोई अपने व्यवसाय तथा व्यापार से लाभ कमाना चाहता है। हर कोई चाहता है कि वो एक सफल उद्यमी (A Successful entrepreneur) बने। हर कोई अपने व्यवसाय में अपने नियम के अनुसार काम करके नाम, शोहरत, पैसा कमाना चाहता है लेकिन कई बार बड़ी-बड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। हर इंसान एक सफल उद्यमी बनने की चाह में अपना व्यवसाय शुरू तो कर देता है पर बिना यह जाने कि उसके जन्म कुंडली में एक सफल उद्यमी बनने के शुभ योग हैं भी या नहीं। लेकिन, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली को देख कर यह आसानी से बताया जा सकता है कि व्यक्ति का व्यवसाय करना सही है या गलत? और यह भी पता चल जायेगा की जन्म कुंडली में एक सफल उद्यमी बनने का योग है भी या नहीं? 

जन्म कुंडली का सातवां भाव व्यवसाय से जुड़ा होता है तथा दसवां भाव कर्मभाव यानि कि कर्म क्षेत्र को दर्शाता है और ग्यारहवां भाव लाभ स्थान होता है। यदि इन तीनों भावों में शुभ योग बन रहे हैं तो व्यक्ति एक सफल उद्यमी बनता है जो अपने व्यवसाय से लाभ और सफलता प्राप्त करता है।

आइये, जान लेते है जन्म कुंडली के उन 8 शुभ योगों के बारे में जिसके कारण व्यक्ति एक सफल उद्यमी बनता है :

  1. केंद्रादित्य योग : (Kendraditya Yog) 

यदि किसी के जन्म कुंडली के 10वें भाव अर्थात कर्म भाव में बृहस्पति विराजमान हो तो “केंद्रादित्य योग” बनाता है क्योंकि बृहस्पति भाग्येश (Lucky Planet) कहलाते हैं। इस योग के कारण व्यक्ति व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता हासिल करता है।

  1. बुधादित्य योग : (Budhaditya Yog) 

यदि किसी की जन्म कुंडली के दसवें भाव में सूर्य और बुध एक साथ बैठे हो तो “बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे जो व्यवसाय के लिए योगकारक होता है। इस योग में जन्मे जातकों को व्यवसाय में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की मिलती है ।

  1. कर्म भाव में मंगल : योगकारक (Karm Bhav Me Mangal : Yogkarak)

यदि किसी की जन्म कुंडली के कर्म स्थान अर्थात दसवें भाव में उच्च का मंगल विराजमान हो तो ऐसा व्यक्ति एक सफल उद्यमी होता है। ऐसे व्यक्ति को विदेश से व्यापार के अच्छे और सुनहरे अवसर भी प्राप्त होते हैं। 

  1. गज केसरी योग : (Gaj Kesari Yog) 

यदि किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली के केंद्र में चंद्र और गुरु की युति हो अर्थात गज केसरी योग का निर्माण हो रहा हो तो जातक एक सफल उद्यमी बनता है ।

  1. वर्गोत्तम योग : (Vargottam Yog)

जन्म कुंडली के केंद्र में यदि शुभ ग्रह उपस्थित हो जैसे की – सूर्य, गुरु या जन्म कुंडली के कारक ग्रह तो जातक व्यवसाय में ऊंचाइयों को छूता है। इस योग में जन्मा व्यक्ति एक कुशल उद्यमी बनता है।

  1. कर्म स्थान में राहु : (Karm Sthan Me Rahu)

राहु एक ऐसा ग्रह है जो व्यवसाय में ऊंचाइयों तक ले जाता है। ऐसे जातकों को नाम, शोहरत, पैसा सब मिलता है और यदि राहु जन्म कुंडली के दसवें स्थान में बैठ जाये तो एक सफल उद्यमी बनाता है। इस योग में जन्मा जातक व्यवसाय को एक नए सिरे से देखता है और ऊंचाइयों तक पहुँचता है।

  1. सप्तम भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि : (Saptam Bhav Me Shubh Graho Ki Drishti)

यदि किसी के जन्म कुंडली के सप्तम भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि है या जन्म कुंडली में शुभ स्थानों पर बैठकर अशुभ ग्रह भी सप्तम भाव पर शुभ दृष्टि डाल रहे हैं तो यह व्यवसाय के लिए शुभ योग बन जाता है। ऐसे व्यक्ति शुभ ग्रहों से जुड़े व्यवसायों में अपना करियर आजमाते है और सफलता पाते हैं ।

  1. सप्तम भाव में योगकारक ग्रह : (Saptam Bhav Me Yogkarak Grah)

यदि किसी के जन्म कुंडली के सप्तम भाव जो व्यापार का कारक भाव है, उसमें कोई भी शुभ ग्रह या योगकारक ग्रह बैठ जाए तो व्यक्ति एक सफल उद्यमी बनता है। जैसे की – सप्तम में चंद्र का विराजमान होना, अर्थात – कपड़ा तथा जल सम्बंधित क्षेत्र में सफलता हासिल होना।

Frequently Asked Questions

1. जन्म कुंडली के सप्तम भाव में चन्द्रमा है, तो कैसा व्यवसाय करना चाहिए?

यदि आपके जन्म कुंडली के सप्तम भाव में चन्द्रमा है तो आप कपड़ों का व्यवसाय कर सकते हैं।

2. क्या जन्म कुंडली में राहु योगकारक बनकर एक सफल उद्यमी बना सकता है?

जी हाँ, जन्म कुंडली में राहु योगकारक बनकर एक सफल उद्यमी बना सकता है।

3. क्या बुधादित्य योग होने पर सफल उद्यमी बन सकते हैं?

जी हाँ,  यदि आपके जन्म कुंडली के 10 वें भाव में बुधादित्य योग बन रहा है तो आप एक सफल उद्यमी बन सकते हैं।

4. कर्म स्थान पर गुरु है, क्या यह सफल उद्यमी बनने में सहायक है?

जी हाँ, कर्म स्थान में गुरु, “केंद्रादित्य योगका निर्माण करेगा यह एक सफल उद्यमी बनने के लिए शुभ योग है ।

5. क्या जन्म कुंडली के 10वें भाव में शनि, राहु, केतु के होने से सफल उद्यमी नहीं बन सकते?

जी नहीं, जन्म कुंडली के 10वें भाव में यदि योगकारक शनि, राहु, केतु उपस्थित हों, तो जातक एक सफल उद्यमी बन सकता हैं।