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मंत्र – ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
महागौरी ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥
सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
महागौरी कवच मंत्र
ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो।क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो।कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥