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सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः…
हेआद्य गुरु शंकर पिता
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्मांडना
नित होत नाद प्रचंडना
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा
चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां
तवशक्ति वामांगे स्थिता
हे चंद्रिका अपराजिता
चंहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः…।