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शनि की साढ़ेसाती 2021| शनि की साढ़ेसाती कैसे जाने| साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है?

शनि की साढ़ेसाती 2021| शनि की साढ़ेसाती कैसे जाने| साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है?

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जन्म कुंडली में साढ़े साती तब जन्म लेती है जब शनि ग्रह गलत घर में बैठ जाता हैं। यह दुर्भाग्य 7.5 साल तक के लिए रहता है, लेकिन इसके बुरे प्रभावों को कम भी किया जा सकता है।  

साढ़े साती दो शब्द-वाक्यांश है जो समय की शुरुआत के बाद से मनुष्यों को सता रहा है। इसका उल्लेख आपको सभी 4 वेदों में भी मिलेगा। आमतौर पर यह सबसे खराब तरह के दुर्भाग्य के साथ जुड़ा हुआ है, साढ़े साती के पीछे का कारण और तर्क वास्तव में पूरी तरह से गलत समझा गया है। वैदिक ज्योतिष कभी नहीं कहता है कि साढ़े साती हर व्यक्ति के लिए ही होता है। सब यही कहते हैं कि साढ़े साती भगवान शनि के क्रोध का परिणाम है। लेकिन, शनि देव दुर्भाग्य नहीं लाते हैं। वह तो ऐसे है जो सौभाग्य, धन, और सफलता के साथ योग्य भी बनाते है। इसलिए, इससे पहले कि हम वास्तव में आपको साढ़े साती के विभिन्न चरणों के माध्यम से समझा सकें और बता सकें कि साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है, यह आवश्यक है कि आप इसके पीछे की संपूर्ण अवधारणा और सच के बारे में थोड़ा जान लें।

 

तो, साढ़े साती के पीछे की अवधारणा या कांसेप्ट क्या है? (Sadhe Sati Ke Pichhe Ki Avdharna Ya Concept )

शनि ग्रह, जिसे शनि देव के रूप में भी जाना जाता है, ये कर्म और न्याय के देवता हैं। शनि देव एक ऐसे देव है, जो आपके पिछले जीवन के सभी कर्म और आज के कर्म पर नज़र रखते है। शनि देव केवल क्रोध के भगवान नहीं हैं, बल्कि न्याय के भी देव हैं, ये वही हैं जो सौभाग्य देते है और सौभाग्य के साथ योग्य भी बनाते हैं। जो अपने पिछले जन्म में बुरे कर्म करते है उन्हें इस जन्म में शनिदेव साढ़े साती के रूप में दंडित करते हैं।

इसलिए, शनि सिर्फ कठिनाइयों और परेशानियों का ग्रह तथा देव नहीं है, ये वास्तव में सौभाग्य का ग्रह भी है।

यह उम्मीद करते है कि साढ़े साती के बारे में आपकी कुछ गलतफहमी अब तक चली गई होगी, हम अब इस गाइड में उन प्रश्नों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं जो सबसे अधिक पूछे जाते है, जैसी कि साढ़े साती क्या है और साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है।

 

तो आइए शुरुवात करते है – साढ़े साती क्या है? (Sadhe Sati Kya Hai?)

हर जन्म कुंडली का अपना एक चंद्रमा होता है। जब शनि ग्रह 12th अथवा द्वादश भाव, 1st अथवा प्रथम भाव और 2nd अथवा द्वितीय भाव में एक ही राशि में चंद्रमा के साथ हो, तो यह साढ़े साती की शुरुवात करता है (7.5 साल के दुर्भाग्य और असफलता ) ।


लेकिन, साढ़े साती 7.5 साल की ही क्यों? (Sadhe Sati 7.5 Saal Ki Hi Kiu?)

शनि को राशि चक्र में प्रत्येक राशि चिह्न के बीच 2.5 वर्ष लगते हैं। तो, यह आपके जन्म के चन्द्रमा से आपके जन्म कुंडली में 2.5 वें वर्ष से 12 वें भाव तक की यात्रा शुरू करेगा। तब प्रथम घर के लिए 2.5 साल लगेंगे, और दूसरे घर में आने के लिए 2.5 साल लगेंगे। इसके बाद, 2.5 + 2.5 + 2.5 = 7.5 वर्ष – इसलिए, साढ़े साती 7.5 वर्षों के लिए दुर्भाग्य और असफलता लाती है।

 

साढ़े साती में कितने चरण होते हैं? (Sadhe Sati Me Kitne Charan hote Hai?)

सटीक रूप से, जबाब है 3  – पहला चरण, दूसरा चरण और तीसरा चरण। अब हम आपको साढ़े साती के तीन चरणों में से, हर एक के माध्यम से ले जाएंगे और आपको बतायेंगे कि साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है।

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पहला चरण / साढ़े साती का प्रथम चरण (Pahla Chran / Sadhe Sati Prtham Charan)

जब शनि ग्रह आपके अपने तारे के राशी (राशि चिन्ह) के जन्म के चंद्र से 12 वें घर में अपना गोचर शुरू करता है, तो 2.5 साल का पहला चक्र (जिसे ढैया भी कहा जाता है) शुरू होता है। साढ़े साती का यह चरण निम्नलिखित प्रकार के दुर्भाग्य से जुड़ा हुआ है।

  1. आपके पिता और अन्य करीबी रिश्तेदारों के साथ आपका रिश्ता कलंकित होने लगेगा। गलतफहमी शुरू हो जाएगी।
  2. वित्तीय या फाइनेंस समस्याएं अचानक अपने आप शुरू हो जायेंगी।
  3. आप साढ़े साती के पहले चरण के दौरान किसी प्रकार के नेत्र विकार को भी बढ़ा सकते हैं।

वो 2 भाव जो साढ़े साती से प्रभावित होते है 6th अथवा छठा भाव और 9th अथवा नवम भाव हैं।

 

दूसरा चरण / साढ़े साती का द्वितीय चरण (Pahla Chran / Sadhe Sati Prtham Charan)

यह वह चरण है जहाँ शनि ग्रह अपने अधिकतम रोष अथवा गुस्से पर होंगे । इसलिए, यदि आप सोच रहे हैं कि साढ़े साती का कौन सा चरण सबसे खराब है, तो, आपके पास अब जवाब है – साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे बुरा चरण है। इसके गोचर की शुरुआत 12th अथवा द्वादश भाव में शनि ग्रह से 1st अथवा प्रथम भाव में जन्म चार्ट अथवा जन्म कुंडली में होती है। साढ़े साती से निपटने वाले व्यक्ति को इसके दूसरे चरण में आने वाली कई समस्याएं, इस प्रकार हैं।

  1. भारी वित्तीय अथवा फाइनेंस नुकसान और कर्ज।
  2. दोस्त या प्रियजनों के साथ गंभीर तर्क जो आपको अन्य लोगों से पूरी तरह से अलग कर देंगे। बात पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
  3. स्वास्थ्य समस्या इस तरह से शुरू होगा, जो आपकी अधिकांश बचत को समाप्त कर देगा।

वो 3 भाव जो साढ़े साती से प्रभावित होते है 3rd अथवा तृतीय भाव, 7th अथवा सप्तम भाव और 10th अथवा दशम भाव हैं।

 

तीसरा चरण / साढ़े साती का तृतीय चरण (Pahla Chran / Sadhe Sati Prtham Charan)

यह साढ़े साती का अंतिम और सबसे कम तीव्रता वाला चरण है। यह वह चरण है जहाँ शनि ग्रह 1st अथवा प्रथम भाव, और 2nd अथवा द्वितीय भाव में स्थानांतरित अथवा जाते है। इस चरण के दौरान आने वाली समस्याएं इस प्रकार हैं।

  1. किसी प्रकार की अनहोनी और बेचैनी।
  2. वित्तीय या फाइनेंसियल मुश्किलें।
  3. बच्चों के तरफ आनेवाली स्वास्थ्य समस्याएँ।

एक बार जब तीसरा चरण समाप्त होता है, तो साढ़े साती भी समाप्त हो जाती है। बुरे कर्म का चक्र इस अंतिम चरण के साथ ही समाप्त हो जाता है और फिर, भगवान शनि देव, हीलिंग अथवा आरोग्य चरण शुरू करते हैं जहाँ वह आपको आशीर्वाद देते हैं और आपके जीवन में सुख और शांति लाते हैं।

 

कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां (Kuchh Mahattavpurn Jankariyan)

  1. शनि देव (शनि ग्रह) उतना ही भाग्य और आशीर्वाद देते है जितना कि वह बुरे कर्म करने वालों को असफलता और दुर्भाग्य देते है।
  2. साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे बुरा चरण है।
  3. आप साढ़े साती से बच नहीं सकते। हालांकि, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली कई प्रार्थनाओं के द्वारा शनि ग्रह के प्रकोप को कम किया जा सकता है।

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Which Phase of Sade Sati is Worse? A Detailed Look